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कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार

फसल खराब होने पर किसानों को मिली क्षतिपूर्ति, सरकार ने जारी की 3 हजार 500 करोड़ की मुआवजा राशि

फसल खराब होने पर किसानों को मिली क्षतिपूर्ति, सरकार ने जारी की 3 हजार 500 करोड़ की मुआवजा राशि

इस साल भारी बरसात के कारण महाराष्ट्र की फसलों को कई प्रकार का नुकसान हुआ है, जिससे किसानों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि बरसात के साथ-साथ कीटों के भीषण प्रकोप से किसानों की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गईं हैं। इसको देखते हुए पिछले कई दिनों से राज्य के किसान, सरकार से फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे थे। अंततः किसानों की यह मांग सरकार तक पहुंच गई है। राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा है कि मुश्किल की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है। किसानों की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने मुआवजा के तौर पर 3 हजार 500 करोड़ रुपये की राशि जारी की है, जो प्रभावी किसानों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस राशि का वितरण 15 सितम्बर से प्रारम्भ हो चुका है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में इस प्रकार की मुआवजा राशि के वितरण में काफी धांधली हुई थी। लेकिन इस बार राज्य की शिंदे सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है, इसलिए किसानों को हुई क्षति की भरपाई की जा रही है। राज्य सरकार किसानों के लिए मुआवजा राशि जारी करने में पूरी तरह से सक्षम है। इस बीच कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि भीषण बरसात और कीटों के प्रकोप से राज्य में लगभग 27 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में कीटों के हमले से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस दौरान सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाली फसल सोयाबीन रही, जिसे कीट खाकर चट कर गए। ऐसे किसान जिनकी फसलों को कीटों ने नुकसान पहुंचाया है, उनके लिए सरकार ने 97 करोड़ रूपये की राशि जारी की है। ये भी पढ़े: किसानों में मचा हड़कंप, केवड़ा रोग के प्रकोप से सोयाबीन की फसल चौपट इस राशि को सहायता राशि के तौर पर किसानों के बीच वितरित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, सभी जिला अधिकारियों ने किसानों का पैसा उनके बैंक खातों में ऑनलाइन माध्यम से ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है, जो जल्द ही किसानों को मिल जाएगा। उनकी सरकार किसानों के खातिर केंद्र सरकार से ऑनलाइन ई-पीक निरीक्षण में बदलाव करने की मांग भी करेगी। सत्तार ने एकनाथ शिंदे सरकार को किसानों का हितैषी बताया, साथ ही कहा कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस किसानों की सभी प्रकार की समस्याएं सुलझाने में सक्षम हैं। इस बार की खरीफ फसल के दौरान हुई बरसात ने किसानों की फसलों में भारी नुकसान पहुंचाया है, रही सही कसर घोंघों ने पूरी कर दी है। घोंघों ने भी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिसके कारण राज्य में फसलें चौपट हो गईं हैं। अगर हम हम फसलों के नुकसान का जिलेवार आंकलन करें तो सबसे ज्यादा नुकसान लातूर, उस्मानाबाद और बीड जिलों में उगाई गई फसलों को हुआ है। इन जिलों में फसलों के ऊपर दोहरी मार पड़ी है। एक तो पहले ज्यादा बरसात की वजह से यहां की फसलें चौपट हो गईं हैं, बाकी रही सही कसर घोंघों ने पूरी कर दी है। इन जिलों में किसानों की स्थित को देखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इन 3 जिलों के लिए 98 करोड़ 58 लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी की है, जिसे यहां के प्रभावित किसानों के बीच वितरित किया जा रहा है ताकि नुकसान की थोड़ी बहुत भरपाई की जा सके। इसके साथ ही कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार राज्य में प्रगति लाने के लिए आधुनिक कृषि पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि राज्य के किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के साथ-साथ आधुनिक कृषि यंत्रों से अवगत करवाया जा सके। इससे फायदा यह होगा कि किसान कम समय में, कम लागत के साथ ज्यादा से ज्यादा उत्पादन कर पाएंगे, जिससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी। ये भी पढ़े: खेती-किसानी के हर क्षेत्र में कृषि उपकरण उपलब्ध करा रही परफुरा टेक्नोलॉजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड मुख्यमंत्री का प्रयास है कि जो भी किसान आधुनिक कृषि को अपनाएं वो अन्य किसानों को भी आधुनिक खेती के महत्व को समझाएं, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस प्रकार खेती करके लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा, सरकार इस बात का पूरा प्रयास कर रही है कि आधुनिक कृषि यंत्रों की जानकारी गांव के अंतिम किसान तक पहुंचे, ताकि हर किसान इस तरह के कृषि यंत्रों और तकनीक से लाभान्वित हो सके, जिससे किसानों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी के साथ ही उनकी आय में भी वृद्धि हो और राज्य का किसान खुश रहे।
महाराष्ट्र राज्य के कृषि मंत्री ने बारिश से तबाह हुई फसलों का मुआयना करने के बाद किसानों की सहायता करने का आश्वासन दिया।

महाराष्ट्र राज्य के कृषि मंत्री ने बारिश से तबाह हुई फसलों का मुआयना करने के बाद किसानों की सहायता करने का आश्वासन दिया।

बारिश की मार से परेशान किसानों को दिया महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने अतिशीघ्र मुआवजा देने का आश्वासन, साथ ही मुआवजा देने के लिए अधिकारियों को जल्दी सर्वे करने का आदेश दिया गया। महाराष्ट्र में बारिश के कारण हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है, साथ ही प्राकृतिक आपदा के चलते सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। प्रदेश की इतनी गंभीर स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार जल्द से जल्द किसानों को राहत राशि प्रदान करने की कोशिश कर रही है, जिससे किसान हताश होकर आत्महत्या जैसे कदम न उठा पाएं। हालाँकि किसानों को किसी भी आर्थिक सहायता की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी। लेकिन अब स्वयं महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा फसल अतिवृष्टि का दौरा करने के एवं आर्थिक सहायता का आश्वासन देने के बाद किसानों के अंदर ढांढ़स बंधी है।


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कृषि मंत्री द्वारा क्या क्या निर्देश दिए गए ?

कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा अतिशीघ्र फसल के नुकसान का सर्वे करने का निर्देश देते हुए कहा गया कि, कोई भी किसान जिसकी फसल प्राकृतिक आपदा के चलते नष्ट हो चुकी है, वह सर्वे या किसी भी लापहरवाही के चलते आर्थिक सहायता के लाभ से छूटना नहीं चाहिए। कृषि मंत्री सत्तार ने जिले के नंदुरधोक, वैजापुर तालुका, रंजन गॉव एवं कापू वडगांव गए और वहां जाकर किसानों को सांत्वना दी एवं उनकी भरपूर मदद करने का वादा किया।

कब तक होगा अतिवृष्टि फसलों का सर्वे, आखिर कब मिलेगा मुआवजा ?

महाराष्ट्र में अक्टूबर की शुरुआत में भीषण जलधारा के चलते किसानों को बेहद नुकसान हुआ है। इसी सन्दर्भ में महाराष्ट्र के कृषि मंत्री ने जल्द से जल्द सही व सटीक, बर्बाद फसलों का पूर्णतया सर्वे करने के उपरांत, तुरंत किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। किसानों को भी कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने बोला है कि चिंता करने की कोई बात नहीं, सरकार किसानों की मुश्किल घड़ी में हमेशा साथ खड़ी है।

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के दौरे के समय कौन कौन लोग उपस्थित रहे ?

महाराष्ट्र राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा फसल अतिवृष्टि के दौरे के समय वैजापुर तालुका के कृषि अधिकारी अशोक अधव, गंगापुर समूह विकास अधिकारी विजय परदेशी, वैजापुर तालुका के विधायक रमेश बोरवने, गंगापुर के तहसीलदार सतीश सोनी, गंगापुर तालुका के कृषि अधिकारी ज्ञानेश्वर तरगे, वैजापुर समूह विकास अधिकारी हरकल सहित किसान, कृषि सहायक एवं बोर्ड अधिकारी भी रहे।
खुशखबरी: इस राज्य के लाखों किसानों को मिलेगी आर्थिक सहायता

खुशखबरी: इस राज्य के लाखों किसानों को मिलेगी आर्थिक सहायता

महाराष्ट्र राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने प्रदेश में करीब १६ लाख से ज्यादा किसानों को ६२५५ करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि पांच दिनों के अंतराल में किसानों के लिए सहायक धनराशि उनके बैंक खातों में भेज दिया जायेगा। बतादें कि मूसलाधार बारिश एवं बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से प्रदेश के किसानों की फसल में बेहद नुक़सान हुआ है। प्रदेश के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार का कहना है, कि १६ लाख ८६ हजार ७८६ किसानों को ६२५५ करोड़ रुपये का मुआवजा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियों ने हाल में की, बची हानि से आहत किसानों को १६४४ करोड़ रुपये की सहायक धनराशि अतिशीघ्र जमा की जाएगी। सरकार ने कहा है कि जो भी किसान फसल बीमा का भुगतान करेगा उसको हर कीमत पे इसका लाभ मिलेगा। कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने बताया कि खरीफ सीजन २०२२ में अप्रत्याशित बरसात व असमय बाढ़ से फसल बुरी तरह बर्बाद हुई है, बीमा कंपनी द्वारा तय की गयी आर्थिक सहायता के अनुरूप कार्य पूर्ण हो। कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने बताया कि भारतीय कृषि बीमा कंपनी के माध्यम से 1.२४० करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड से २१३ करोड़ ७८ लाख रुपये, एचडीएफसी से ६ करोड़ ९८ लाख रुपये, यूनाइटेड इंडिया से १६६ करोड़ ५२ लाख रुपये एवं बजाज आलियांज से १६ करोड़ २४ लाख की धनराशि दी गयी है। किसानों के बैंक खाते में शेष धनराशि का भुगतान अतिशीघ्र शुरू किया जाए। हाल ही में बीमा कंपनियों द्वारा अभी तक १६ लाख ८६ हजार ७८६ किसानों को ६२५५ करोड़ रुपये वितरित किये हैं।

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कृषि मंत्री ने किसानों को पूर्ण आश्वस्त करते हुए बताया है कि जिन किसानों की फसल अतिवृष्टि एवं प्राकृतिक आपदाओं के चलते प्रभावित हुई है, सरकार उनको जल्द ही सहायता राशि प्रदान करेगी, जिससे उनको किसी आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े। बतादें कि कुछ किसानों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से फसलों में हुई हानि को सूचित किया है। जिसका सर्वेक्षण किया जा रहा है, उन्होंने यह भी बताया कि जो भी किसान यदि दो बार पंजीयन करेगा तो उसको किसी भी कीमत पर कोई पुनः राशि अदा नहीं की जाएगी। कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा बीमा कंपनियों को भी इस मामले में सतर्कता बरतने को कहा है। कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि आगामी 5 दिनों के अंतराल में जिन किसानों को हानि हुई जिनके खाते में बीमा की धनराशि भेज दी जाएगी।

ये कुछ लोग रहे उपस्थित

कृषि मंत्री ने इस सन्दर्भ में एक बैठक की, जिसमें भारतीय कृषि बीमा कंपनी समेत यूनाइटेड इंडिया कंपनी और बजाज आलियांज एचडीएफसी एरगो, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के प्रतिनिधि शामिल रहे। बैठक के दौरान कृषि विभाग के उद्यानिकी निदेशक डॉ. केपी मोते, आईसीआईसीआई के पराग शाह, एचडीएफसी इरगो के सुभाशीष रावत, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के पराग मसले, मुख्य सचिव एकनाथ डावले, संयुक्त सचिव सरिता देशमुख बांडेकर सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
इस राज्य सरकार ने की घोषणा, अब धान की खेती करने वालों को मिलेंगे 30 हजार रुपये

इस राज्य सरकार ने की घोषणा, अब धान की खेती करने वालों को मिलेंगे 30 हजार रुपये

सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर प्रयत्नशील रहती है। इसको लेकर तामाम राज्य सरकारें अपने किसानों को अलग-अलग तरह की सहूलियतें मुहैया करवाती रहती हैं। फसल बर्बाद होने के एवज में राज्य सरकारें अपने किसानों को करोड़ों रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया करवाती हैं। साथ ही, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से किसानों को सीधे रुपये देती हैं, ताकि किसान भाई अपने पैरों पर खड़े रह पाएं। इसी को आगे बढ़ाते हुए अब महाराष्ट्र की सरकार ने किसानों की मदद करने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र की सरकार ने ऐलान किया है, कि राज्य में धान की खेती करने वाले किसानों को अब बोनस दिया जाएगा। अब महाराष्ट्र सरकार धान की खेती पर 15 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर किसानों को बोनस देगी। यह आर्थिक रूप से पिछड़े किसानों के लिए बेहद अच्छा फैसला हो सकता है। इस खबर के बाद राज्य के किसानों के बीच खुशी की लहर है। किसानों का कहना है, कि बोनस के पैसों से किसान समय अपनी खेती के लिए बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीद सकेगा। जिससे किसानों को अपना उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

राज्य के किसानों को 30 हजार रुपये का बोनस देगी महाराष्ट्र सरकार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में ऐलान किया है, कि राज्य के धान किसानों को अधिकतम 2 हेक्टेयर तक के धान उत्पादन के लिए प्रति हेक्टेयर 15 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इस हिसाब से 2 हेक्टेयर खेत में धान उत्पादन करने वाले किसान के लिए अधिकतम बोनस 30 हजार रुपये होगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, कि सरकार के इस निर्णय से राज्य के 5 लाख धान किसानों को फायदा होगा। इस तरह की घोषणाएं किसानों को काफी राहत प्रदान करने वाली हैं। क्योंकि इस साल महाराष्ट्र में भारी बरसात की वजह से धान की काफी फसल नष्ट हो गई थी। जिसके बाद धान किसानों के सामने आजीविका का बड़ा संकट उत्पन्न हो गया था। इस संकट से परेशान होकर बहुत से किसानों ने राज्य में आत्महत्या कर ली थी। लेकिन किसानों के हित में सरकार की इस घोषणा से किसान अब निश्चिंत होकर धान की खेती कर सकेंगे। इसके पहले महाराष्ट्र की सरकार ने अपने किसानों को अन्य तरह से सहायता मुहैया कारवाई है। पिछले महीने ही बीमा कंपनियों की तरफ से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 16 लाख 86 हजार 786 किसानों की मदद की गई थी। इस दौरान बीमा कंपनियों ने इन किसानों को 6255 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। इसके साथ ही कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा था, कि शेष नुकसान प्रभावित किसानों को 1644 करोड़ रुपये की राशि जल्द ही सीधे उनके खातों में भेजी जाएगी। सरकार ने कहा था कि जिन भी किसानों की फसलें खराब हुईं हैं, उन सभी किसानों को सहायता राशि मुहैया कारवाई जाएगी। राज्य में कोई भी किसान इससे वंचित नहीं रहेगा। इसके साथ ही, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने बीमा कंपनियों के अधिकारियों से खरीफ की फसल की पूरी जानकारी ली थी। उन्होंने बीमा कंपनियों के अधिकारियों से प्राप्त सूचनाओं, पूर्ण अधिसूचनाओं की संख्या, लंबित अधिसूचनाओं की संख्या व निर्धारित मुआवजा के संबंध में बातचीत की थी।